Wednesday, 2 October 2013
ऐ दोस्तों अपने अन्दर के जस्बाद को जगा लो
तुम्हे भी प्यार हो जायेगा
दिल जब कैद हो जायेगा किसी की चाहत में
वही प्यार तुम्हे फिर ठुकराएगा
कशम उस खुदा की ऐ दोस्तों
उन ज़ख्मो से तू भी एक शायर हो जायेगा
विजय गिरी
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