मेरी दीवानगी
<= = = = = = = = = = = = >
कतरा -कतरा बहते मेरे अस्क
और मै बड़ा मशहूर हो गया !
बड़ी अजीब सी है मेरी दीवानगी
मै खुद से दूर हो गया !
पल-पल छलकती मेरी आखे
हर सपना अस्को में खो गया
मै अब तक भटक रहा उसकी
ही चाहत में मै दीवाना मशहूर
हो गया !
जब से मिल कर बिछड़े वो हम से
मेरे लबो को गुन-गुनाना आ गया
अरे थोडा मशहूर क्या हुए हम
की एस ज़माने को दिल जलना
आ गया !
कतरा -कतरा बहते मेरे अस्क
और मै बड़ा मशहूर हो गया !
बड़ी अजीब सी है मेरी दीवानगी
मै खुद से दूर हो गया !
विजय गिरी
No comments:
Post a Comment