Saturday, 25 February 2012
पराया दिल
पराया दिल
= = = = = = = = = = = =
आज भी इस दिल में उसी बेवेफा
के लिए प्यार है !
सोचता हु उन बीते हुए लम्हों
को दिल से
भुला दू !
पर क्या करू ये मेरा
दिल भी
तो उंसी बेवफा के पास है !!
विजय गिरी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment