मेरी दीवानगी
तेरी चाहत ने मुझे जीना सीखा दिया
ठहरे हुए इस दिल में एक हलचल
मचा दिया !
मै अब तक था एक कोरे कागज की तरह !
जो तुमने एक नज़र देखा तो मुझे
शायर बना दिया !
मै जो डूबा एक बार तेरी झील सी आखो में !
जो मै डरता था किनारों से, अब तैरना
सीखा दिया !
ये तो है एक तेरी सासों की महक !
जो इस सुने से दिल में !
तुमने शोला जगा दिया !
अरे मै तो सोया था चैन से अपनी मजार पर !
तूमने दो फुल चढ़ा के मुझको जगा दिया !
तेरी चाहत ने मुझे जीना सीखा दिया !
विजय गिरी
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