मत कर तू खुद पे इतना गुरुर
की कही मेरी चाहत ही ना खत्म
ना हो जाए !
आए जब तू लौट के मेरे पास
तो तेरा दिल ना कही टूट जाए !
मेरे प्यार को ना तू यु ठुकरा
मुझसे ना तू यु नज़रे चुरा !
की मेरा एतबार टूट जाए !
लौट के आए जब तू इस ज़माने
में सब कुछ खो के तो मेरी कब्र
से भी ख़ाली हाथ ना तुम्हे लौटना
पड़ जाए !
मत कर खुद पे तू इतना गुरुर
की तुम्हे खुद के फैसले पे
अफ़सोस हो जाए !
अरे एक नज़र तो देख लो मुझे
भी जाने कब तुम्हारे इंतजार
मेरी ये सांसे थम जाए !
विजय गिरी