ज़िन्दगी में छोड़ जाए कोई साथ तुम्हारा
तो गम ना करना !
किसी को पाने की कोशिश हर-दम
ना करना !
जिन्हें परवाह है तुम्हारे प्यार की
वो तो साथ निभायेगे !
जो जीते है खुद सिर्फ अपने लिए
भला वो क्या साथ निभायेगे !
लगे कभी दिल में कोई ठेस तो
भी गम ना करना !
किसी वेबफा के लिए अपनी पलके
नम ना करना !
दुश्मनों के लिए भी अपने दिल के
दरवाज़े बंद ना करना !
पर किसी को पाने की खवाइश
हर-दम ना करना !
जब तक रहे ये ज़िन्दगी
तब तक निभाना तुम कुछ
ऐसे की वो बेवफा भी बोले !
ए खुदा इस दुश्मन की उम्र
कभी कम ना करना !
विजय गिरी
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