Tuesday, 24 January 2012


मेरा प्यार 

उनकी हर यादो को अपने सीने
से लगा रखा है !
मोहब्त न हो बदनाम 
उनकी बेवफाई  को दिल में 
छुपा रखा है !

उन्हें तो इस बात की खबर 
भी नहीं यारो  !
हमने तो कब्र में ही अब अपना 
आशियाना बना रखा है !

वो बैठे है अपने महबूब के साथ 
सुकून से वहा !
जहा इस दुनिया वालो ने मेरी 
कबर पे फूलो को सजा रखा है 
विजय गिरी 

Thursday, 12 January 2012

प्यार की मौत


प्यार की मौत 
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उनको अपनी जिंदगी समझ के 
हर खवाबो को हम सजाते रहे !

वो रुठते रहे हम से यारो !
हम तो प्यार का खुदा समझ 
के उन्हें मनाते रहे !

हमारी चाहतो में जाने  कितनो 
के अश्क छलकते रहे !
कई ने दिया पनाह हमें अपनी 
आगोश में !
पर हम तो सिसकते हुए !
उन्हें अपनी जिंदगी समझ 
के बढ़ते रहे !

होश न था हमें भी यारो !
प्यार-मोहबत की चाहत में 
कभी खवाब टूटते तो कभी 
सवरते रहे !

जब मिली वो जिंदगी हमारी तो 
देखा हमने !
ये कदम तो प्यार की चाहत में
मौत की तरफ ही  बढ़ते रहे !
विजय गिरी !

Tuesday, 10 January 2012

प्यार का खिलौना


प्यार का खिलौना
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होश वालो की दुनीया में तो 
हमें बहुत डर लगता है !
सुना है उनकी दुनीया में तो 
प्यार का खिलौना बिकता है !

टूटे हुए दिलो की नुमाइश जब
मैखानो में लगता है !
जहा एक जाम पे वो प्यार का 
बंधन बेवफाई के लफ्जो में 
बदलता है !

एसी दुनीया वालो से हमें डर 
लगता है !
अरे हमें मदहोश रहने दो 
अपनी ही दुनीया में यारो !

भला इस मतलब के ज़माने 
में दर्द-ए-गम की दावा कौन
रखता है !
विजय गिरी 

Friday, 6 January 2012

किस्मत की लकीर



ये किस्मत भी जाने क्या क्या गुल खिलाती हैं !!!!

बंद आँखों में सपने दिखाती है 

और खुले आँखों में आसू दे जाती है ...



नादानियों भरे बचपन में एक रेत के बने महेल में ही ,

वो सारी खुशिया दे जाती है 

समझदारी के देहलीज पे ही ये दिल तोड़ जाती है ,

ये किस्मत भी जाने क्या क्या गुल खिलाती हैं !!!!


जिनके हाथ है ,वो लकीरों को ताकते रह जाते है 

तो कई मेहनत से उनमें रंग भरते उम्र गुजार जाते है ..

जिनके हाथ नहीं होते यारो ,उनकी तक़दीर भी रंग जाती है ...

ये किस्मत भी जाने क्या क्या गुल खिलाती हैं !!!!

                          VIJAY GIRI

Thursday, 5 January 2012

यु तुम दूर जाया ना करो !!



यु तिरछी नजरो से देख के 
तुम हमें घायल बनाया ना
करो !

रातो को खवाबो में आ कर 
यु मुस्कुराया ना करो !
छुप-छुप के देख के हमें 
यु शरमाया ना करो !

नज़रे मिला के यु नज़रे
हमसे  चुराया ना करो !
हो तुम हमारे दिल में यु दिल 
को दुखया ना करो !

बड़ा नाज़ुक सा है ये हमारा भी 
दिल !
यु बार-बार जा दूर जा के तुम 
हमें यु आजमाया ना करो !
विजय गिरी 

"प्यार...हर दिल का रोग





प्यार ईमान,प्यार खुदा !

ये प्यार तो हर दिल को होता है..

प्यार इबादत,प्यार जिंदगी !

ये प्यार तो हर दिल को छूता है..


प्यार कसम,प्यार विश्वास..!

ये प्यार तो बड़े तप से होता है..


प्यार जख्म,प्यार में हर दिल कुर्बान !

इस प्यार में फिर क्यों हर कोई रोता है...?


प्यार जन्नत,प्यार जहाँन ..!

इस प्यार में फिर क्यों कोई खुदा  को खोता है...?


by==vijay giri

Monday, 2 January 2012

तुम्हे दिल में बसा रखा है



मेरी सूरत को ना देख 
मेरी अदाओ को ना देख !
देखना है तो तू  मेरे जस्बादो
को देख !

जीसने हर खवाबो को तेरे
लिए सजा रखा है !
तेरे आने के इंतजार में हर 
गली रास्तो पे फूलो का सेज 
बिछा रखा है !

चुभ ना जाये कोई कांटा 
इसलिए हर काँटों को अपने 
दमन से लगा रखा है !

भुला के दुनिया को  इस दिल 
में बस तुम्हे तुम्हे ही बसा 
रखा है !
विजय गिरी