मेरी सूरत को ना देख
मेरी अदाओ को ना देख !
देखना है तो तू मेरे जस्बादो
को देख !
जीसने हर खवाबो को तेरे
लिए सजा रखा है !
तेरे आने के इंतजार में हर
गली रास्तो पे फूलो का सेज
बिछा रखा है !
चुभ ना जाये कोई कांटा
इसलिए हर काँटों को अपने
दमन से लगा रखा है !
भुला के दुनिया को इस दिल
में बस तुम्हे तुम्हे ही बसा
रखा है !
विजय गिरी
No comments:
Post a Comment