ये किस्मत भी जाने क्या क्या गुल खिलाती हैं !!!!
बंद आँखों में सपने दिखाती है
और खुले आँखों में आसू दे जाती है ...
नादानियों भरे बचपन में एक रेत के बने महेल में ही ,
वो सारी खुशिया दे जाती है
समझदारी के देहलीज पे ही ये दिल तोड़ जाती है ,
ये किस्मत भी जाने क्या क्या गुल खिलाती हैं !!!!
जिनके हाथ है ,वो लकीरों को ताकते रह जाते है
तो कई मेहनत से उनमें रंग भरते उम्र गुजार जाते है ..
जिनके हाथ नहीं होते यारो ,उनकी तक़दीर भी रंग जाती है ...
ये किस्मत भी जाने क्या क्या गुल खिलाती हैं !!!!
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