पत्थर पे जो खीला दे फुल मोहब्त उसको
कहते है !
वर्ना चाँद-सीतारो को तोड़ कर लाने की
बाते तो अक्सर सब कहते है !
मै ये नहीं कहता की पत्थर दिल नहीं
पीघलता वर्ना कोई झरना यु पहारो से
नहीं नीकलता !
प्यार तो है उस ईश्वर का दूसरा नाम यारो
वर्ना श्याम के लीए उस गोरी मीरा को
यु वीष ना पीना पड़ता !
दरिया में जो लगा दे आग मोहब्त
उसको कहते है !
यु तो छोटी सी चिंगारी भी अक्सर
जाने कितने घर जला देते है !
जीसके दील में हो सच्चा प्यार वो
खुद कुर्बान हो जाते है !
किसी का दील जीतना क्या यारो
वो तो पत्थर दील को भी रुला देते
है !
विजय गिरी
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