क्या कशमे तेरे क्या मेरे वादे है !
तोड़ जाते हो दिल मेरा जाने क्या
तुम्हारे इरादे है !
उजरी हुई दुनिया मेरी सुने दिल में
सिर्फ यादे है !
एक डोर से बंधा ये रिश्ता फिर क्यों
फासले हमारे है !
समझ ना पाया इस जिंदगी को
थोड़ी सी खुशिया और गम के तो
लाखो बहाने है !
मिल के बिछड़ना-बिछड़ के मिलना
जाने ये केसी किस्मत हमारे है !
हर मोड़ पे छोड़ देते तुम साथ मेरा
जाने क्या तुम्हारे इरादे है !
ये केसी कशमे तेरी ये केसे मेरे
वादे है !
विजय गिरी
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