प्यार शब्द ही है एसा जो सीधे दील
को चिर देता है !
किसी को अपनी चाहत का एहसास
दिलाने में जाने कितना वक्त
गुजर जाता है !
कोई थाम लेता है किसी के बहते है हुए अस्को को
तो किसी का सब कुछ अस्को में ही बह जाता है !
जिन्हें समझते हो कोई अपनी मंजिल अपनी
जिंदगी अक्सर वही दील तोड़ जाता है !
जिसे मिल जाय अपनी मंजिल अपनी
जिंदगी वो लव गुरु हो जाता है !
और जिसे समझ ना पाय कोई वो
हम जैसा ज़ख़्मी दील कहलाता है !
विजय गिरी
yeah its really true... nice of you
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