वो तेरी यादे इस दिल से जुदा नहीं होती !
भूलना तो चाहा तुम्हे पर ऐसी कोई खता
नहीं होती !
प्यार -मोहब्बत में तो मिलते है अक्सर ऐसे जख्म
वर्ना मोहब्बत कभी बेवफा नहीं होती !
कर देता में खुद को कुर्बान पर मोहब्बत की कोई कीमत नहीं होती !
कर देता में खुद को कुर्बान पर मोहब्बत की कोई कीमत नहीं होती !
तोड़ देते है कसमे वादे लोग मोहब्बत कोई सजा नहीं होती !
मोबब्बत तो है दो दिलो का मिलन इसमे कोई खता नहीं होती !
होती जो अगर तुम्हे भी मुझसे मोहब्बत तो तुम मुझसे
कभी जुदा नहीं होती !
अरे केसे भुला दू में तुमको वो तेरी यादे इस दिल से जुदा नहीं होती !
विजय गिरी
wow bhaiya keep writing...
ReplyDeleteSo nice dude keep going
ReplyDeletesukriya pari & dinesh ji
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