Sunday 12 January 2014



इश्क़
 कमब्खत ये इश्क भी क्या चीज है 
ख़वाबों में आकर 
दीवानो को तड़पती है ये इश्क !

सामने आने पर 
जाने क्यों शर्माती 
और नज़रे चुराती है ये इश्क !

माना कि ख़ुदा ने 
बड़ी ही फुर्सत से नवाजा है 
इस इश्क को !

 दीवानों ने भी तो 
अपने ईमान अपनी शिदद्त से
 चाहा है इस इश्क को !

 फिर भी जानें क्यों 
दीवानो को बार-बार 
आजमाती है ये इश्क !

1 comment:

  1. प्रेम से ही बंदगी है ...
    प्रेम से ही जिंदगी है ...

    प्रेम जीत कर भी हर है...
    पर इसमें ख़ुशी अपार है ...

    प्रेम से ही घर द्वार है ...
    प्रेम से ही संसार है .....

    देवेन्द्र " सागर "

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