Tuesday 25 June 2013



======>अलविदा <========
 

मै तेरी दुनीया से अब बहुत जा रहा हू !
 हो कर बड़ा मै बड़ा मशहुर जा रहा हू !
 भटकता रहा मै तेरी चाहत में !
 हो कर बड़ा अब मै मजबूर जा रहा हु !

 

ना होगी अब कभी मुझे तुमसे शीकायत !
ना होगी तुम्हे अब कभी कोई मुझसे
कोई शीकायत !
खुश रहना सदा तुम अपनी दुनिया में !
लिए अपने दिल में एक एसी मै उम्मीद
जा रहा हु !


सोचना तुम मै ही था बेवफा !
दिल में लिए तेरी यादे तुम्हे 
 अपने दिल के लिए करीब जा रहा हु !


नीभा के सारे इस ज़माने के 
 मै दस्तूर जा रहा हु !
मै तेरी दुनीया से अब बहुत 
 दूर जा रहा हु ! 
 
VIJAY GIRI

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