Monday 8 December 2014




ख्वाइशें दिलो में पनप जाते है

वक़्त की डोर जब हाथो से
छूट जाते है !!


दिल में एक कशक का अहसास 

उभर आता है 
जब अपना ही कोई हमारे इंतजार में
दम तोड़ बहुत दूर हमसे चला जाता है !!



आने वाला वक़्त भी रात के खवाबो की
तरह उड़ जाता है 
बीते हुए लम्हों के साये में इंसान अपनी
हथेली की लकीरो को बस 
तकता रह जाता है !!


वक़्त की डोर जब हाथो से
छूट जाता  है !!

******विजय गिरी*******

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