Monday 14 November 2011

आज की बोली बन्दुक की गोली है



आज लोगो की बोली मनो बन्दुक की 
गोली है !

छल्ली कर जाते ये सीना और खेली 
खून की होली है !

ओ प्यार के दुश्मन नफरत के पुजारी !
अजीब सी तेरी सीना-जोड़ी है !
प्यार-दोस्ती तेरा इमान खोखली 
तेरी ये बोली है !

हाथो की मेहन्दी को भी बदल देते 
लाल रंग में ये केसी लोगो की बोली 
है !
बात-बात पे खेली खून की होली है !


ओ गुरुर में जीने वालो देखो कितनी 
माओ की सुनी गोदी है !

दिल में भरा नफरत का बारूद 
तेरे लबो पे बन्दुक की गोली है !
खेली खून की होली है !
खेली खून की होली है 
विजय गिरी 





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