Thursday 10 October 2013



अब इस ज़माने में कहा किसी का
कोई साथ निभाता है !
अँधेरी राहों में तो अपना साया
भी साथ छोड़ जाता है !

कहते है हम जिसे अपनी ज़िन्दगी
एक दिन वो ज़िन्दगी ही
हमें धोखा दे जाता है


विजय गिरी



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