कहने को मै देवी हु जननी हु
पर कोख मे दफ़न होने वाली
मै एक बेटी हु !!
कहने को मै लक्ष्मी हु शक्ती हु
पर दहेज के लिये जलने वाली
मै एक बेटी !!
कहने को मै लाज हु संस्कार हु
पर वहशी-दरिंदो कि वासना कि शिकार
मै एक बेटी हु !!
पर वहशी-दरिंदो कि वासना कि शिकार
मै एक बेटी हु !!
कहने को मै परिवार कि मुस्कान हु
भूखे पेट सोने वाली बहन-मॉ हु
पर अपने परिवार कि बोझ
मै एक बेटी हु !!
बेटी हु इसलिए हर दुख सहती हु
कभी भूखे पेट तो कभी दहेज के लिये
मरती हु!!
कोख मे दफ़न हो कर भी
चुप चाप खामोस सी रहती हू
क्यो कि मै एक बेटी हु !!
विजय गिरी
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