Monday 2 January 2012

तुम्हे दिल में बसा रखा है



मेरी सूरत को ना देख 
मेरी अदाओ को ना देख !
देखना है तो तू  मेरे जस्बादो
को देख !

जीसने हर खवाबो को तेरे
लिए सजा रखा है !
तेरे आने के इंतजार में हर 
गली रास्तो पे फूलो का सेज 
बिछा रखा है !

चुभ ना जाये कोई कांटा 
इसलिए हर काँटों को अपने 
दमन से लगा रखा है !

भुला के दुनिया को  इस दिल 
में बस तुम्हे तुम्हे ही बसा 
रखा है !
विजय गिरी 

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