Tuesday 22 July 2014



यहाँ हर शख्श मुर्दो की बस्ती में
 इन्सान ढूंढ़ता है !!
 जस्बादो की अर्थी के लिए
 किसी का प्यार ढूंढ़ता है !
देख हैवानियत का खेल
 इस दुनियाँ में बहु-बेटी की
 मर्यादा के लिए
 पीता  शैतान ढूंढ़ता है !
 दफ़न कर अपने जमीर
 अपने ईमान को
 हर शख्श दुसरो में
 ईमान ढूंढ़ता है !
यहाँ हर शख़्श मुर्दो की बस्ती में
 इन्सान ढूंढ़ता है !

विजय गिरी 

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