Thursday 17 July 2014



ज़िन्दगी है थमी-थमी सी
पलकों में नमी है !!
बैठे है तेरे यादो के साये तले
बस तेरी ही कमी है !!

बेपनाह मोहबत दिल में
आँखों में नींद बड़ी है
जो ना मीलो तुम तो
सो जाऊ ता-उम्र के लिए
दिल को तेरी ही कमी है !!

ज़िन्दगी है अधूरी सी
ओठो को प्यास बड़ी है
खो गई है तू ज़िंदगी मेरी
बस तेरी ही कमी है !!
विजय गिरी

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