Friday 18 July 2014

 
काश तुम अपना दिल हार जाती
मैं ज़िन्दगी हार जाता !!

भूल कर ये सारा जहाँ
पल-भर के लिए तेरे
दिल में समां जाता !!

तुम थोड़ा साथ देती मेरा
मैं गुलाब की पंखुड़ी बन
तेरे कदमो में बिखर जाता !!

विजय गिरी

1 comment:

  1. खूवां जुल्फों के साये में सोने की हसरत दिल में बाँकी है.......
    देखो आज बो आके मेरी मदफन में झाँकी है.......

    देवेन्द्र "सागर"
    04/07/14

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