Thursday 8 September 2011

प्रेम की चिंगारी





पत्थर पे जो खीला दे फुल मोहब्त उसको 
कहते है !
वर्ना चाँद-सीतारो को तोड़ कर लाने की
बाते तो अक्सर सब कहते है !

 मै ये नहीं कहता की पत्थर दिल नहीं
 पीघलता वर्ना कोई झरना यु पहारो से 
 नहीं नीकलता !

 प्यार तो है उस ईश्वर का दूसरा नाम यारो 
 वर्ना श्याम के लीए उस गोरी मीरा  को
 यु वीष ना पीना पड़ता !

  दरिया में जो लगा दे आग मोहब्त
  उसको कहते है !
  यु तो छोटी सी चिंगारी भी अक्सर
  जाने कितने घर जला देते है !

  जीसके दील में हो  सच्चा प्यार वो
  खुद कुर्बान हो जाते है !
  किसी का दील जीतना क्या यारो
 वो तो पत्थर दील को भी रुला देते
      है ! 
               
 विजय गिरी








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