Saturday 10 September 2011

एक गुजारीश

  

मेरी तमन्नाओ  का तुम  भी  ख्याल रखना  !
  दील में अपने थोडा  सा  जस्बाद  रखना    !
  बिछड़  ना  जाय  हम  भी  कही   इस   भीड़  में
  मेरे हाथो में सदा तुम अपना हाथ रखना    !

   मेरी मंजिल हो  तुम्ही  मेरी जिंदगी हो तुम्ही
          यही है  बस  मेरी  आरजू  !
  मेरी  दुआओ  में तुम भी अपनी  दुआ  
         थोड़ा  साथ  रखना   !

 अक्सर  लोग  चेहरे  बदल  लेते  है   !
 हो  कोई  खता  तो  साथ छोड़  देते  है  !
टूट ना जाय  कही ये  दील  तुम अपनी 
पलकों  की थोड़ी  सी  छाव  रखना   !

 बड़ा  मासूम  है ये नन्हा  सा दील  
 चुरा  ना ले  मुझको  भी कोई तुम से   !
 इसलिए  मेरा  ये दील भी तुम अपन
ही   पास  रखना    !

 विजय गिरी 

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